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सुक्ष्म जीव किसे कहते हैं तथा सूक्ष्म जीवों के प्रकार कितने होते है:- microbes in hindi !

सूक्ष्म जीव, जिन्हें सूक्ष्मजीव भी कहा जाता है, छोटे जीवित जीव हैं जो नग्न आंखों से देखे जाने के लिए बहुत छोटे होते हैं। अपने छोटे आकार के बावजूद, वे हमारी दुनिया को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और हमारे स्वास्थ्य, पर्यावरण और अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव डालते हैं। इस लेख में, हम पता लगाएंगे कि रोगाणु क्या हैं, विभिन्न प्रकार के रोगाणु और हमारे जीवन में उनका क्या महत्व है।

सुक्ष्म जीव किसे कहते हैं तथा सूक्ष्म जीवों के प्रकार कितने होते है:-  microbes in hindi !

परिचय

corona virus bf.7 varient in Hindi :- COVID bf. 7 कोरोना bf.7 वैरीअंट इसके लक्षण (symptoms) और यह कैसे फैलता है व इसके बचाव।

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COVID bf.7 variant क्या हैं। bf.7 variant corona virus a omicron virus का ही एक म्यूटेट सट्रेन है। यानि ये omicron का ही sub-variant है....


Rishi Sunak Biography in hindi, ऋषि सुनक ब्रिटेन के परधान मंत्री 2022, जन्म से लेकर परधान मंत्री बनने तक का सफर।

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मुख्य बिन्दु

1. इंटरों

2. राजनीतिक जीवन 

3. जन्म व परिवार 

4. ऋषि सुनक की संपत्ति

1. इंटरों

ऋषि सुनक भारतीय मूल के पहले united kingdom (ब्रिटेन )के परधान मंत्री है। ब्रिटेन की पूर्व परधान मंत्री लिज़ टृस के इस्तीफे के बाद सुनक को ब्रिटेन का परधान मंत्री चुना गया है। इन्होने परधान मंत्री के रूप मे 25 अक्तूबर 2022 को शपथ ग्रहण की ओर इसी के साथ ऋषि पहले भारतवासी है, जो uk सरकार मे इतना बड़ा पद संभाल रहे है। ऋषि 2020 से 2022 तक ब्रिटेन के चांस लर भी रह चुके है। सुनक भारतीय मूल के ब्रिटेन के पहले परधान मंत्री बन गए है, ओर ऋषि सुनक ब्रिटेन के पहले नॉन व्हाइट परधान मंत्री भी बन गए है।

 

2. राजनीतिक जीवन

ऋषि ऐसे वक्त पर ब्रिटेन के परधान मंत्री बने है। जब इंगलेंड की महारानी की मृतु के बाद इंगलेंड की अर्थवयवस्था काफी नाजुक मोड ले चुकी है। ऐसे मे उनका परधान मंत्री बनना काफी चुनोतीपूर्ण रहेगा। ऋषि सुनक ब्रिटेन की राजनीति मे तेजी से उभरने वाले सितारे है। वे conzervetive पार्टी के नेता है। वे 2020 से 2022 तक यूनाइटेड किंगडम के चांसलेर रह चुके है। उनका राजनीतिक कैरियर 2010 मे शुरू हुआ था।

उसके बाद 2015 मे पहली बार उन्होने ब्रिटेन की संसद के चुनाव मे जीत हासिल की, पाँच सालो के उनके राजनीतिक कैरियरके बाद यह उनकी पहली सफलता थी। ओर इसके सात सालो के बाद वे ब्रिटेन के परधान मंत्री बन गए है। इसके अलावा ऋषि सुनक 2015 से 2017 तक पर्यावरण मंत्रालय, खाद्य मंत्रालय, ग्रामीण मामलो की समिति के सदस्य, ऊर्जा विभाग ओर ब्रिटेन के ओद्योगिक विभाग मे भी काम कर चुके है। इसके बाद ऋषि ब्रिटेन के वित मंत्री के पद पर भी सफलतापूर्वक काम कर चुके है।

3. जन्म व परिवार

ऋषि का जन्म इंग्लंड मे 12 मई 1980 को हुआ था। इनके पिता का नाम यशवीर व माता श्रीमति उषा देवी है। वे 2020 से 2022 तक यूनाइटेड किंगडम के चांसलेर रह चुके है। ऋषि  42 वर्स की उम्र मे इंगलेंड के परधान मंत्री बन गए है। ये नारायण मूर्ति के दामाद है, जो की इन्फोसिस के संस्थापक है। सुनक ने अपनी ग्राजुएशन ऑक्सफोर्ड यूनिवरसिटि अँड स्टैनफोर्ड से पूरी की है। सुनक का जन्म UK के सौथेंप्टन क्षेत्र मे एक भारतीय परिवार मे हुआ था।

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ऋषि के दादा- दादी पंजाब से है।  ऋषि सुनक की शादी अक्षिता मूर्ति से 2009 मे हुई थी। जो की एन आर नारायण मूर्ति की बेटी है। जब वे केलिफोर्निया के स्टैनफोर्ड यूनिवरसिटि मे एम बीए कर रहे थे, उनकी दो बेटियाँ है अनुष्का ओर कृष्णा, ये अपने परिवार के साथइंग्लंड मे रहते है।  

4. ऋषि सुनक की संपत्ति

ऋषि सुनक की पत्नी यूरोप की सबसे अमीर ओर परभावी महिलाओ मे से एक है। वो इन्फोसिस के मालिक एन आर नारायण मूर्ति की बेटी है। इसके साथ ही ऋषि सुनक UK के सबसे रिच लोगो की लिस्ट मे भी आते है। उनकी कुल संपत्ति लगभग 15 मीलीयन पाउंड की है।

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सुजलॉन ग्रुप के सीएमडी तुलसी तांती का कार्डियक अरेस्ट से निधन 😱 sujalon grup ke CEO tulasee taantee ka kaardiyak arest se nidhan

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अहमदाबाद: सुजलॉन ग्रुप और सुजलॉन एनर्जी लिमिटेड के संस्थापक

 अहमदाबाद: सुजलॉन ग्रुप और सुजलॉन एनर्जी लिमिटेड के संस्थापक, अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक और प्रमुख प्रमोटरों में से एक तुलसी तांती का शुक्रवार देर रात कार्डियक अरेस्ट से निधन हो गया।


 तांती भारत की हरित ऊर्जा रणनीतियों को दिशा प्रदान करने के लिए भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की अक्षय ऊर्जा परिषद के अध्यक्ष भी थे। राजकोट के 64 वर्षीय उद्यमी के परिवार में उनके बच्चे निधि तांती और प्रणव तांती हैं। उन्होंने अहमदाबाद से अपना व्यवसाय संचालित किया और 2004 से पुणे में बस गए हैं।


सुजलॉन ग्रुप और सुजलॉन एनर्जी लिमिटेड को बड़ा झटका लगा है।

अत्यंत दुख के साथ, हम आपको 1 अक्टूबर 2022 को सुजलॉन एनर्जी लिमिटेड के संस्थापक, अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक और एक प्रमोटर तुलसी आर. तांती के असामयिक निधन के बारे में सूचित करते हैं। श्री तांती को कार्डियक अरेस्ट हुआ और उनका निधन हो गया। उसी दिन, "नवीकरणीय ऊर्जा प्रमुख ने अपने स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा। घटनाक्रम से जुड़े एक सूत्र ने कहा, "पुणे में उतरने के तुरंत बाद उन्हें दिल का दौरा पड़ा और उसी दिन उनका निधन हो गया।"


तांती के निधन से सुजलॉन ग्रुप और सुजलॉन एनर्जी लिमिटेड को बड़ा झटका लगा है। वह 11 अक्टूबर को कंपनी के 1,200 करोड़ रुपये के राइट्स इश्यू के उद्घाटन की घोषणा करने के लिए एक मीडिया ब्रीफिंग में शनिवार को अहमदाबाद में थे। 

“सुजलॉन एनर्जी ने अपने कर्ज को चुकाने और फंड का उपयोग करके अपनी ब्याज देनदारियों को कम करने की योजना बनाई है, ताकि कार्यशील पूंजी की जरूरतों को पूरा किया जा सके और बाकी फंड को कॉर्पोरेट जरूरतों के लिए तैनात करें, ”तांती ने मीडिया को बताया। भारत की स्वच्छ ऊर्जा प्रतिबद्धताओं को दोहराते हुए, तांती ने भारत की ऊर्जा आयात निर्भरता को कम करने के महत्व पर प्रकाश डाला।

नवीकरणीय खंड में व्यवसाय करने का सही समय अभी है।

 “नवीकरणीय खंड में व्यवसाय करने का सही समय अभी है। हम दो दशक पहले ही आ गए, ”तांती ने निधन से कुछ ही घंटे पहले मीडिया से बातचीत करते हुए चुटकी ली। भारत में पवन ऊर्जा व्यवसाय के अग्रदूतों में से एक, और स्वच्छ ऊर्जा पर विश्व स्तर पर प्रसिद्ध विशेषज्ञ, तांती ने 1995 में भारतीय अक्षय ऊर्जा उद्योग में अवसर की कल्पना की, ऐसे समय में जब वैश्विक पवन ऊर्जा बाजार में अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों का वर्चस्व था।

 उनके नेतृत्व में 

उनके नेतृत्व में ,सुजलॉन एनर्जी अब देश की सबसे बड़ी पवन ऊर्जा कंपनी है, जिसकी भारत में 33% बाजार हिस्सेदारी और 17 देशों में उपस्थिति के साथ 19.4 गीगावाट (GW) संचयी स्थापित पवन ऊर्जा क्षमता है।




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Monkey pox क्या है। यह कैसे फेलता है, इसके symptoms/ लक्षण क्या- क्या है - Monkey pox in Hindi

Monkey pox in Hindi,   Monkey pox virus in Hindi

Monkey pox क्या है। यह कैसे फेलता है, इसके symptoms/ लक्षण क्या- क्या है, इसका इतिहास क्या है, इस वायरस का scientific नाम क्या है, यह कितना खतरनाक है, Monkey pox case definition, ओर यह ठीक कैसे हो सकता है...

Monkey pox in Hindi, 
Monkey pox virus in Hindi

Introduction


1.) Monkey pox क्या है           

मंकीपॉक्स एक वायरस संक्रमण या एक वायरल इन्फेक्शन है। जो कि वायरस के द्वारा फैलता है। यह चेचक की तरह ही एक बिमारी है, इसमे चेहरे से लेकर पूरी बॉडी पर लाल रंग के निशान हो जाते हैं। बाद में ये निशान घाव में तबदील हो जाते है। यानि शरीर पर बड़े बड़े फोड़े हो जाते हैं। जो बहुत ही तकलीफ दायक होते हैं। मंकीपॉक्स एक संक्रामक वायरल संक्रमण माना गया है, इसमे सिर्दर्द बुखार कमजोरी आदि लक्षण नजर आते हैं यह बिमारी जानवरो से फेलती है, या इंसानों से इंसानो में भी फेलती है।

 मंकीपॉक्स मुख्यतः बंदरों में पाए जाने वाली एक बिमारी है। जिसमें बंदरों के शरीर पर स्मॉल पॉक्स व चेचक के निशान दिखाई देते हैं। इस बिमारी में, शरीर पर लाल ओर सफेद रंग के बड़े बड़े चकते हो जाते हैं। मंकीपॉक्स को एक रेयर बिमारी का दर्ज़ा दिया गया था ओर यह बहुत ही दुर्लभ मानी गई थी लेकिन अब इसका संक्रमण मनुष्यों में भी दिखने लगा है। जिसकी वजह से ये एक महामारी के रूप में उभरती हुई दिखाई दे रही है। Monkey pox क्या है, ये जानने के बाद आइये इसके बारे मे ओर जानते है |

मंकीपॉक्स जानवरों से मनुष्यों में फैलती है। इस संक्रमण मे  पीठ व पूरे शरीर में दर्द होता है व अन्य कई लक्षण देखने को मिलते हैं। इस वायरस से बचाव के लिए अभी तक कोई भी स्पेशल दवाई या इसके लिए कोई vaccine मौजूद नहीं है। इसलिए इस वायरल संक्रमण से अपने आप को बचाना ही, बचाव है।

 

विषय सूची

  1.  Introduction
  2. Monkey pox क्या है।
  3. Monkey pox symptoms / मंकीपॉक्स वायरस के लक्षण
  4. Monkey pox is caused by/ मंकीपॉक्स का कारण क्या है|
  5. How does a person get monkey pox/ यह वायरस कैसे फैलता है।
  6. Monkey pox treatment / इलाज
  7. Monkey pox vaccine
  8.  Monkey pox वायरस नेम व यह किस परिवार से संबन्धित है।
  9. History of monkey pox/ मंकीपॉक्स वायरस का इतिहास   
  10.  Monkey pox case definition
  11.  Can monkey pox be cured? क्या ठीक हो सकता है |
  12. Is monkey pox fatal? यह वायरस आखिर कितना खतरनाक है |
  13. Conclusion

 

3.) Monkey pox symptoms / मंकीपॉक्स वायरस के लक्षण


मंकीपॉक्स क्या है, ये जानने के बाद आइये अब जानते है, कि मंकीपॉक्स वायरस के लक्षण क्या क्या है। इस वायरस के संपर्क में आने के बाद Monkey pox virus symptoms दिखने में करीब 6 से तेरह दिन का समय लगता है।

  • Ø इसमें संक्रमित व्यक्ति को तेज बुखार आता है।
  • Ø सिर में दर्द होता है।
  • Ø पीठ व मांसपेशियों में दर्द और शारीरिक कमजोरी भी आती है।
  • Ø लिम्फ नोड में सूजन इसका एक आम लक्षण है। और
  • Ø सारे शरीर पर सूजन आ सकती है।
  • Ø कमर दर्द, मांशपेशियों में अकड़न
  • Ø चिकनपॉक्स की तरह शरीर पर दाने हो जाते है, ये चहरे से लेकर पूरी बॉडी में फैल जाते है।

 

Monkey pox symptoms / मंकीपॉक्स वायरस के लक्षण
Monkey pox symptoms 

पीड़ित व्यक्ति के चेहरे, हाथ पांव व शरीर पर चेचक की तरह घाव हो जातें हैं। जैसे - जैसे संक्रमण ओर ज्यादा गंभीर होता जाता है। वैसे - वैसे दानो की मात्रा बढ़ती रहती है और यह आंखों तथा कानो पर भी नज़र आने लगते हैं। ये सभी मंकीपॉक्स वायरस के लक्षण है।

 

4.) Monkey pox is caused by/ मंकीपॉक्स का कारण क्या है

  Ans :- Monkey pox is caused by virus

 

मंकीपॉक्स का कारण क्या है जैसा कि हम ऊपर जान चुके है। मंकीपॉक्स एक वायरल इन्फ़ैकशन है। यह दक्षिण अफ्रीका में तेजी से फैल रहा है। दक्षिण अफ्रीका मे शोध कर रहे वेघानिकों के मुताबिक यह वायरस अब तक अपने दो रूपो में विकसित हो चुका है। यानि यह वायरस अपने दो अलग अलग आनुवंशिक रूपो में म्यूटेट हो चुका है। ओर ये दोनो ही वायरस केमरून देश के जांवरो में पाए गए हैं। इस वायरस के परिवार में और भी कई तरह के वायरस शामिल है। जिसमें चेचक का वायरस, वैक्सीनिया वायरस, काउपॉक्स वायरस भी आते हैं।

 

ये वायरस भी आर्थोपॉक्स वायरस वंश में शामिल हैं। चेचक के वायरस को वेरीयोला वायरस कहते हैं। वैक्सीनिया वाइरस भी इसी तरह के संक्रमण का हिस्सा है। और चेचक के वायरस का प्रयोग चेचक के टीके में किया जाता है। जिसमें काउपॉक्स वायरस का इस्तेमाल किया जाता है। आर्थोपोक्सवायरस मंकीपॉक्स का कारण है।

 

5.) How does a person get monkey pox/ यह वायरस कैसे फैलता है।?

 

वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन का कहना है कि ये वायरस संक्रमण मनुष्यों से मनुष्यों में आसानी से नहीं फैलता है। यह वायरस कई तरीकों से फैलता है। मंकीपॉक्स के मरीज के संपर्क में आने से भी यह वायरस फैलता है। इस वायरस का प्राथमिक संक्रमण जानवरो से मनुष्यों में होता है। ओर फिर यह मनुष्यो से मनुष्यो मे भी संचरित होता है।

 

Ø WHO के अनुसार मनुष्य से मनुष्य में इस वायरस का संक्रमण काफी कम है फिर भी यह संक्रमित व्यक्ति के खांसने व छिकने पर भी इस वायरस का संक्रमण होता है।

Ø इसके अलावा संक्रमित जानवरों के खून व शारीरिक तरल पदार्थ या स्कीन के संपर्क में आने पर यह वायरस इंसानों में फैलता है।

Ø मंकीपॉक्स संक्रमित जनवारो के रक्त द्वारा या उनके शाररिक तरल पदर्थो के संपर्क में आने से संक्रमित जानवरो के शतीग्रस्त तव्चा या घाव के सीधे संपर्क में आने से भी ये संक्रमण फेलता है।

Ø इसके अलावा संक्रमित जानवरो के मास के सेवन से भी में वायरस का संक्रमण फेलता है।  

Ø वायरस संक्रमित जानवरो से उत्पन्न खाद्य पदार्थो का सेवन करने से भी यह वायरस फेलता है।

 

लेकिन अगर हम बात करे इसके द्वितियक संक्रमण की तो यह वायरस मनुष्यों से मनुष्यों में वायु द्वार( सांस के जरिये ), किसी संक्रमित इंसान द्वारा छिकने या खासने से इसका फेलाव होता है। यह संक्रमित व्यक्ति की चोटों या घावो के संपर्क में आने स, तरल पदर्थो के संपर्क में आने स,ओर इसका इन्फ़ैकशन मां से बच्चे में भी होता है, मतलब गर्भ में पल रहे बचे मे यह प्लेसेंटा के मध्यम से होता है। 

Ø इसके अलावा जैसे जैसे यह जानवरो से मनुष्यो मे फेलता है। ठीक उसी तरह से मनुष्यो से मनुष्यो में भी महसूस या संचरित होता है।

Ø संक्रमित जानवरो से किसी भी तरह से संपर्क स्थापित करने से यह वायरस फेलता है

 

6.) Monkey pox treatment / इलाज

मंकीपॉक्स वायरस से लोगो को संक्रमित होने से रोकने के लिए इसके बारे मे लोगो के बीच जागरुकता बढ़ाना जरुरी है। उन्हे इस वाइरस के बारे मे शिक्षित करना जरुरी है। ओर उन सभी चीजो के बारे में भी जानना जरुरी है जिनकी वजह से ये फेलता है।

WHO के अनुसार इस वाइरस का अब तक कोई इलाज नहीं है। लेकिन अमेरिका के CDC के अनुसार Monkey pox treatment के लिए केडोफोबिद और इम्यूनो ग्लोब्युलिन दवाए भी असरकार है। और फिलहाल डाक्टरस चेचक के टीके को ही इस के इलाज के रूप में इस्तेमाल कर रहे है। शोधकरता मंकीपॉक्स वायरस के ट्रीटमेंट के लिए कुछ एंटीवायरल दवाओं का भी इस्तेमाल कर रहे है।

 

7.) Monkey pox vaccine :- वेक्सीनिया वेक्सीन मंकीपॉक्स

 

Ø इस वायरस के उपचार के लिए हाल फिलहाल में विशेषज्ञय वेक्सीनिया वैक्सीन का ही प्रयोग कर रहे है।

Ø वेक्सीनिया वेक्सीन मंकीपॉक्स के लिए नहीं है।  

Ø ये वैक्सीन चेचक के लिए बनाई गई थी, क्योंकि यह वायरस चेचक वायरस के परिवार से संबंधित है।

Ø इसलिए यह वैक्सीन इस वायरस पर भी 85% तक प्रभावी है।

Monkey pox vaccine

Monkey pox vaccine की बात करे तो मंकीपॉक्स वायरस की अभी तक कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। इसलिए इसके बारे में जानकारी इससे बचाव करना ही जरुरी है हम इस वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए क्वारंटाइन में जा सकते है।

 

8.) Monkey pox virus name व यह किस परिवार से संबन्धित है |

  यह वायरस आर्थोपोक्सवायरस genius के पाक्सवीरीडे परिवार से संबन्धित है।

 यह वायरस दक्षिण अफ्रीका में तेजी से फैलता हुआ वायरस बन गया है, और इसीलिए यह एक से ज्यादा स्ट्रेन में डिवाइड होता जा रहा है।


अफ्रीका मे मंकीपॉक्स वायरस के अलग अलग दो नए अनुवांशिक रूप genius पाए गए है।


Ø एक कांगो बेसिन वंश है और

Ø दूसरा पश्चिमी अफ्रीकी क्लैड वंश है।

मंकीपॉक्स वायरस एक double stranded DNA (डीएनए) वायरस है।

 

9.) History of monkey pox/ मंकीपॉक्स वायरस का इतिहास  

मंकीपॉक्स वायरस संक्रमण सबसे पहले बंदरों में देखा गया था यह वायरस तब सामने आया जब लेबोरेटरी में परीक्षण के लिए रखे गए बंदरो मे चेचक के लक्षण दिखाई दिए थे। इसलिए इसका नाम मंकीपॉक्स रखा गया। मंकीपॉक्स वायरस को सबसे पहले वर्ष 1958 में एक बिमारी के रूप में पहचाना गया। जिसके बाद से वैज्ञानिकों ने इसे मंकीपॉक्स के नाम से संबोधित किया। और इसकी जांच करने पर यह है एक वायरस जनित रोंग पाया गया।

Ø मंकीपॉक्स वायरस का इंसानों में संक्रमण का पहला मामला साल 1970 मे सामने आया

Ø यह वायरल संक्रमण 9 साल के एक लड़के में सबसे पहले देखने को मिला।

Ø जो कि डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो का रहने वाला था।

इसके बाद दुनिया भर मे में इस वायरस के नए नए मामले सामने आने लगे। कांगो में इसके संक्रमण मिलने के बाद से यह अफ़्रीकी देशों में बड़े पैमाने पर फैलने लगा था, और इसके ज्यादातर मामले मध्य एंड पश्चिम अफ्रीका और अफ्रीका के उष्ण कटिबंधीय वर्षावनों में देखने को मिले और इसके साथ ही यह अफ़्रीकी देशों में बड़े पैमाने पर फैलने वाला वायरस बन गया इसके बाद से मंकीपॉक्स वायरस संक्रमण दुनिया भर में फैल चुक्का है, जिसमे 15 से अधिक देश शामिल है

 

10.) Monkey pox case definition

 

मंकीपॉक्स वायरस सर्वपर्थम जानवरो में केसे फेला इसकी अभी तक कोई जानकारी नहीं है, जैसा की आप ऊपर पढ़ चुके है, इस वायरस का संक्रमण जानवरो से मनुष्यो मे होता है। जिन जानवरो से यह फेलता है। इन जानवरो मे मुख्य तौर primates आते है, या कृदंतक जीव शामिल है। Monkey pox एक वायरल जूनोटिक बिमारी है। यह संक्रमण तेजी से फ़ैल रहा है। ओर कई देशों में इसके काफी मामले सामने आ चुके हैं, जिनमे मुख्यत: अमेरिका, ब्रिटेन, नाईजीरिया, कांगो व दक्षिण अफ्रीका महाद्वीप के कई देश शामिल हैं। Monkey pox वायरस को वायरल जूनोटिक इस लिए कहा गया है, क्यों कि यह वायरस जानवरों से मनुष्यों में फैलता है। इस संक्रमण के ज्यादातर मामले अफ्रीका महाद्वीप के वर्षा वनों मे पाए गए है

 

Monkey pox case definition

Monkey pox case definition

 

11.) Can monkey pox be cured? क्या ठीक हो सकता है /What does the monkey pox virus do? यह वायरस क्या करता है |

 

मंकीपॉक्स वायरस का इतिहास जानने के बाद यह भी जान लेते है कि Can monkey pox be cured?, क्या यह ठीक हो सकता है। तो इसका जवाब है जी हाँ, मंकीपॉक्स ठीक हो सकता है। मंकीपॉक्स वायरस की कोई विशिष्ट दवा या इलाज नहीं है, लेकिन एहतियात के तौर पर साफ सफाई का ध्यान रखा जा सकता है। इसके अलवा संकर्मित व्यक्ति द्वारा लोगो से मिलना जुलना कम किया जा सकता है। जिसके द्वारा इसे फेलने से रोक सकते है इसके लिए कोरेंटीन एक अच्छा विकल्प है।

 

इस वायरस के लक्षण नज़र आने में 13 से 14 दिनो का समय लगता है। यह 21 से 25 दिनो में अपने आप ठीक होने लगता है। क्यूकी हमारी बॉडी में एक पर्तीरक्षा तंत्र होता है। जिसे रोग पर्तिरोधक क्षमता कहते हैं। यह रक्षा तंत्र हमारे शरीर में एक एंटीबॉडी का निर्माण करता है।

 

जिसकी वजह से यह वायरल infection ठीक होने लगता है। वेसे तो इस वायरस से मौत होने का खतरा काफ़ी कम होता है। लेकिन फिर भी यह संक्रमण काफी गंभीर होने पर इससे मौत भी हो सकती है। अभी तक दक्षिण अफ्रीका महाद्वीप में इस वायरस से कई मौते हो चुकी है। यह वायरस संक्रमण मुख्यतः 14 से 21 दिनों तक रहता है।

 

इस वायरल infection मे death rate समान्यतः11 से 12% तक रहता है। शरीर पर हुए दाने एक निश्चित समय के बाद पपडी में बदल जाते है और कुछ वक्त बाद यह खुद ही शरीर से झड़ जाते है।

 

12.) Is monkey pox fatal? यह वायरस आखिर कितना खतरनाक है।

Yes monkey pox is fatal हाँ मंकीपॉक्स घातक है। यह infection मां से बचे में भी प्लेसेंटा के मध्यम से होता है। यह काफी दर्द भरा होता है।


Is monkey pox fatal? यह वायरस आखिर कितना खतरनाक है
Is monkey pox fatal? यह वायरस आखिर कितना खतरनाक है 

13.) Conclusion


इस article मे हमने जाना की monkey pox क्या है। यह कैसे फेलता है, इसके symptoms/ लक्षण क्या क्या है, इसका इतिहास क्या है, इस वायरस का scientific नाम क्या है, यह कितना खतरनाक है, Monkey pox case definition, ओर यह ठीक कैसे हो सकता है। इसके अलावा हमने monkey pox virus के बारे मे बहुत सारी अनय जानकारीया भी इस articles के द्वारा उपलब्ध कराने की कोशिश की है। अगर आपके कोई सुझाव ओर विचार हो तो आप हमे comment द्वारा भी बता सकते है। अगर आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी पसंद आई हो तो इस पोस्ट को लाइक कीजिये व ओर ऐसी ही जांकारियों के लिए हमे subscribe जरूर करे।

 

 

 

 

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