google-site-verification=szXQ3J15P_WEBMEvnZQ6GRymsUYyr-9mEj-p7Ds6W3I वीर कुंवर सिंह की जीवनी और वीर कुंवर सिंह की मृत्यु कब हुई - Veer kunwer Singh Biography in Hindi | Covid 19 And currently news of training topic

वीर कुंवर सिंह की जीवनी और वीर कुंवर सिंह की मृत्यु कब हुई - Veer kunwer Singh Biography in Hindi

वीर कुंवर सिंह की जीवनी और वीर कुंवर सिंह की मृत्यु कब हुई  - Veer kunwer Singh Biography in Hindi
वीर कुंवर सिंह की जीवनी और वीर कुंवर सिंह की मृत्यु कब हुई  - Veer kunwer Singh Biography in Hindi


वीर कुंवर सिंह जीवनी
तथा वीर कुंवर सिंह की मृत्यु कब हुई साथ में यह भी जानेंगे कि वीर कुंवर सिंह ने क्या क्या काम किए...


1.) परिचय 

वीर कुंवर सिंह एक स्वतंत्रता सेनानी तथा एक क्रांतिकारी योद्धा थे। सन 1857 की क्रांति में वीर कुंवर सिंह का एक महत्वपूर्ण योगदान रहा। वह एक स्वतंत्रता सेनानी होने के साथ-साथ एक अच्छे लीडर भी थे। सन 1857 में पूरे भारतवर्ष में अंग्रेजों के प्रति आक्रोश की भावना चरम सीमा पर थी।

सारे भारतवासी एक साथ अंग्रेजों का विद्रोह कर रहे थे और स्वतंत्रता की मांग कर रहे थे। उस समय स्वतंत्रता सेनानी नाना साहिब तथा झांसी की रानी झांसी से और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के साथ क्रांति करने वाले वीर कुंवर सिंह एक प्रमुख नेता थे। तात्या टोपे, बेगम हजरत महल तथा अन्य स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने -अपने क्षेत्रों से युद्ध का एलान किया ब्रिटिश सरकार के सामने इन सबका नेतृत्व बहुत ही वीरता से वीर कुंवर सिंह ने किया।

अंग्रेजों द्वारा भारतवासियों पर किए गए अत्याचारों से परेशान होकर भारतवासी 1857 की क्रांति में कूद गए थे। क्रूर ब्रिटिश वर्ग की सत्ता को समाप्त करने के लिए भारत के सभी वर्गों और धर्मों के लोगों ने मिलजुल कर अंग्रेजों को भारत से भगाने का फैसला कर लिया था। सन् 1857 का संग्राम स्वतंत्रता के लिए एकजुट होकर पूरे भारत में लड़ा गया प्रथम स्वतंत्रता संग्राम कहलाता है। ऐसा कहने का तात्पर्य यह है कि इससे पहले भारतवासियों ने इतनी बड़ी मात्रा में इकट्ठे होकर एक साथ अंग्रेजी सरकार का मुकाबला नहीं किया था।

इस आर्टिकल में हम वीर कुंवर सिंह जी के व्यक्तित्व तथा जीवन पर प्रकाश डालने का प्रयास करेंगे तथा भारत के ऐसे देश भक्तों से आपका परिचय कराने की पूरी कोशिश करेंगे। वीर कुंवर सिंह जीवनी तथा वीर कुंवर सिंह की मृत्यु कब हुई और साथ में यह भी जानेंगे कि वीर कुंवर सिंह ने क्या क्या काम किए। 

वीर कुंवर सिंह जीवनी तथा वीर कुंवर सिंह की मृत्यु कब हुई साथ में यह भी जानेंगे कि वीर कुंवर सिंह ने क्या क्या काम किए...
अपना हाथ काट कर गंगा को समर्पित कर दिया। और अपने साहस से नदी को पार कर अंग्रेजों से दूर निकल गए।


वीर कुंवर सिंह बिहार राज्य के रहने वाले
थे और प्रथम  स्वतंत्रता-संग्राम के समय इनकी आयु 80 वर्ष की थी। गंगा नदी पर अंग्रेज़ों के साथ उनकी एक मुठभेड़ में उनके हाथ में गोली लगने पर बारूद को शरीर में फैैैेलने से रोकने के लिए उन्होंने अपना हाथ काटकर गंगा नदी को समर्पित कर दिया था। इस दर्दनाक अवस्था में होने के बावजूद भी उन्होंने काफी वीरता से ब्रिटिश सरकार का सामना किया और अपनी अंतिम सांस तक लड़ते रहे। अंग्रेजो की तुलना में वीर कुंवर सिंह के पास लड़ने के लिए तथा संसाधन बहुत कम थे परंतु फिर भी वीर कुंवर सिंह ने हार नहीं मानी और अंग्रेजों का बहुत ही वीरता से मुकाबला किया तथा अपनी टीम का भी मनोबल टूटने नहीं दिया।


विषयसूची

1.) परिचय

2.) वीर कुंवर सिंह जीवनी

          2.1) वीर कुंवर सिंह ने क्या क्या काम किए

3.) वीर कुंवर सिंह पर लेख

4.) वीर कुंवर सिंह की मृत्यु कब हुई

5.) निष्कर्ष या परिणाम


2.) वीर कुंवर सिंह जीवनी

वीर कुंवर सिंह बिहार राज्य के रहने वाले एक जमींदार के बेटे थे। इनका जन्म 13 नवंबर 1777 को बिहार स्थित भोजपुर जिले के जगदीशपुर गांव में हुआ था। वीर कुंवर सिंह जी के पिता जी बिहार राज्य के जगदीशपुर गांव के एक जमींदार थे। वीर कुंवर सिंह जी के पिता जी का नाम बाबू साहबजादा सिंह था और उनकी माता जी का नाम महारानी पंचरत्न देवी था। 

कुंवर सिंह के पास बहुत बड़ी मात्रा में जागीर थी परंतु इष्ट इंडिया कंपनी की गलत तथा धोखेबाज नीतियों के कारण इनकी सारी जागीर जमीन कंपनी ने अपने नाम कर ली थी। वीर कुंवर सिंह बचपन से ही एक क्रांतिकारी योद्धा थे। वह बचपन से ही अग्रेजी सरकार को नापसंद करते थे।

   2.1) वीर कुंवर सिंह ने क्या क्या काम किए

सन 1226 में कुंवर सिंह पर अपनी पैतृक जिम्मेदारी संभालने का दायित्व आ पड़ा था। कुंवर सिंह को जमींदारी से प्रतिवर्ष लगभग 600000 की नगद आमदनी हो जाए करती थी। वीर कुंवर सिंह जी एक  सीधे-साधे व्यक्ति थे। वह अंग्रेजों की कूटनीति को नहीं समझ पाए। जब तक कुंवर सिंह अंग्रेजों की कूटनीति को समझ पाते - तब तक काफी समय बीत चुका था और उनकी सारी जमीन अंग्रेजो के पास जा चुकी थी।

इससे वीर कुंवर सिंह काफी क्रोधित हो चुके थे और इसका परिणाम सन 1857 की क्रांति में देखने को मिला। विश्व की यह पहली घटना थी जब 80 वर्ष के एक वृद्ध पुरुष ने अंग्रेजो को युद्ध के लिए ललकारा और बड़ी वीरता से युद्ध को लड़ा। यह 26 जुलाई 1857 की घटना है जब कैप्टन सी. डनबर के नेतृत्व में सोन नदी के किनारे 400 से भी ज्यादा सैनिक रुके हुए थे। यहां पर कुंवर सिंह जी ने योजना बंद तरीकों से इन सैनिको पर अटैक किया और युद्ध को जीता। 

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कुंवर सिंह ने जगदीशपुर के गढ में हथियारों और गोला बारुद बनाने का एक कारखाना भी खोल रखा था। वीर कुंवर सिंह  को एक युद्ध योजना परिवर्तन करने में निपुण तथा युद्ध योजना को अंजाम देने में कुशल नेता के रुप में जाना जाता था। इससे पहले कि अंग्रेजी सरकार उनकी युद्ध की प्लानिंग समझ पाती, वह अपनी युद्ध व्यू रचना को बदल देते थे जिससे की अंग्रेज काफी परेशान हो जाते और उनकी युद्ध की संरचना को नहीं समझ पाते और युद्ध हार जाते। 


3.) वीर कुंवर सिंह पर लेख

वीर कुंवर सिंह पर लेख के माध्यम से वीर कुंवर सिंह की आगे की  जीवनी देखते हैं। वीर कुंवर सिंह के मन में अंग्रेजों के प्रति इतना घृणा भाव पैदा हो चुका था कि वह अंग्रेजों को बुरी तरह से पराजित करते रहे तथा उन्होंने ठान लिया था कि अगर उनकी मृत्यु भी होगी तो वह भी अंग्रेजों के हाथों नहीं होगी और इस घटना को उन्होने सत्य कर दिखाया। जब वह अंग्रेजों से युद्ध लड रहे थे और युद्ध लड़ते-लड़ते तथा जब उनकी सेना युद्ध में पराजित होने लगी तो कुंवर सिंह गंगा नदी के किनारे पर पहुंच गए जहां से उन्हें गंगा नदी को तैर कर पार करना था परंतु युद्ध के दौरान उनके दाहिने हाथ पर गोली लग चुकी थी।

 जिससे काफी मात्रा में खून बह रहा था ऐसी सिचुएशन में या परिस्थिति में कुंवर सिंह के लिए तैरना काफी बड़ी चुनौती की बात थी। परंतु इतनी भयंकर सिचुएशन में भी कुंवर सिंह अपने  साहस से डटे रहें और उन्होंने जो कसम खाई थी उसे नहीं भूले। उन्होंने अपनी तलवार निकाली और अपना हाथ काट कर गंगा को समर्पित कर दिया। और अपने साहस से नदी को पार कर अंग्रेजों से दूर निकल गए। 

 सन 1857 की क्रांति में वीर कुंवर सिंह ने अंग्रेजो को पराजित करने के लिए एक योजना बनाई जो की थी छापा मार योजना इसी योजना के तहत वीर कुंवर सिंह अपनी सेना के साथ अंग्रेजो की छावनियों पर  अटेक करते थे और अंग्रेजों के हथियारों को लूट लेते थे और फिर उन्हीं के हथियारों से दुबारा अंग्रेजों पर अटैक किया जाता था। इसी युद्ध योजना के कारण वीर कुंवर सिंह ने काफी विजय हासिल की।

बिहार की भूमि से 80 वर्ष के अधम साहस वाले वीर कुंवर सिंह ने अंग्रेजी सरकार को कई बार पराजित किया। वीर कुंवर सिंह ने जगदीशपुर से आगे बढ़ कर गाजीपुर,  बलिया आदि जनपदों में अपनी युद्ध योजना से अंग्रेजी सरकार को पराजित किया ‌।

वीर कुंवर सिंह पर लेख

वीर कुंवर सिंह पर लेख


 वीर कुंवर सिंह की जीत की मुख्य विशेषता यह थी कि वह जिस  युद्ध योजना से पहली बार अंग्रेजी सरकार का सामना करते थे दूसरी बार युद्ध होने पर वह उसी योजना को बदल देते थे इसे यह होता था कि अंग्रेजी सरकार उनकी कभी भी युद्ध करने की योजना को समझ नहीं पाती थी जैसे अंग्रेजी सरकार उनकी युद्ध करने की पहली नीति को समझती वह अपनी नीति को बदल चुके होते थे। वैसे तो अंग्रेजों में बहुत दिमाग था परंतु फिर भी कुंवर सिंह के सामने उन्होने अपने घुटने टेक दिए थे।


4.) वीर कुंवर सिंह की मृत्यु कब हुई

यह कहना उचित नहीं होगा कि वीर कुंवर सिंह की मृत्यु गोली लगने से हुई थी। परंतु गोली लगना वीर कुंवर सिंह की मृत्यु का कारण अवशय रहा। उनके हाथ में गोली लगने के कारण उनका जख्म काफी बढ़ गया था जिसकी वजह से वह हर वक्त परेशानी में रहते थे। गोली लगने के कारण व उनके द्वारा अपना हाथ काटने के कारण उनके हाथ से लगातार रक्त स्त्राव हो रहा था। 

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उनका स्वास्थ्य लगातार खराब ही होता गया। वह इतनी कठिन परिस्थितियों में भी अपने आदम साहस और शोर्य के कारण अंग्रेजों से बचकर अपने गांव तो पहुंच गए थे परंतु अपने रक्त के स्त्राव को नहीं रोक पाए जिस कारणवस उनके हाथ में गहरा घाव बन गया था। इस पीडा के चलते इस घटना के 3 दिन बाद कुंवर सिंह सन 26 अप्रैल 1858 को वीरगति को प्राप्त हो गए।


5.)  conclusion 

कुंवर सिंह के साहस और वीरता की गाथा तथा उनके जीवन पर प्रकाश डालने का प्रयास किया गया है। वीर कुंवर सिंह एकमात्र ऐसे योद्धा थे जिन्होंने विश्व में ऐसा पहला कृतिमान हासिल किया है जो इससे पहले किसी ने नहीं किया था। यहां पर उनके जीवन के साथ-साथ उनके कुछ महत्वपूर्ण प्रयासों पर भी प्रकाश डाला गया है जैसे कि -

कुंवर सिंह जीवनी तथा वीर कुंवर सिंह की मृत्यु कब हुई साथ में यह भी जानेंगे कि वीर कुंवर सिंह ने क्या क्या काम किए।अगर आपका कोई सुझाव या कोई प्रतिक्रिया है तो आप उसे कमेंट में हमसे पूछ सकते हैं और अगर आप वीर कुंवर सिंह के विषय में या फिर किसी अन्य विषय में कुछ जानना चाहते हैं तो आप उसे भी कमेंट में लिख सकते हैं हम आप के कमेंट का जल्दी से जल्दी रिप्लाई करने की पूरी कोशिश करेंगे।


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