google-site-verification=szXQ3J15P_WEBMEvnZQ6GRymsUYyr-9mEj-p7Ds6W3I चक्रवात क्या हैं, और यह कैसे बनते हैं?चक्रवात के प्रभाव को कम करने के उपाय | Covid 19 And currently news of training topic

शनिवार, 15 मई 2021

चक्रवात क्या हैं, और यह कैसे बनते हैं?चक्रवात के प्रभाव को कम करने के उपाय

चक्रवात क्या है। ओर यह कैसे बनते हैं ?

चक्रवात क्या है:- चक्रवात ऊष्मा का इंजन होते हैं। इसमें नमियुक्त पवने अपने केंद्र के चारो तरफ़ धुमती रहती हैं। तथा  इसे सागरीय तल से ऊष्मा मिलती हैं।
संघनन के बाद मुक्त ऊष्मा, चक्रवात के लिए गतिज ऊर्जा में बदल जाती हैं। फिर भी उष्ण कटिबन्धीय चक्रवातों के निर्माण के संबन्ध में निश्चित रूप से कहना मुश्किल है।

उष्ण कटिबंधीय चक्रवात

चक्रवात  निम्न वायुदाब वाला वो क्षेत्र होता है, जिसके चारों तरफ उच्च वायुदाब वाली पवने उच्च वेग के साथ धुमती रहती हैं। हवाएं चारों तरफ से चक्रवात के निम्न वायुदाब में केंद्र की ओर चलती हैं। एक उष्ण कटिबन्धीय चक्रवात सामान्यता 500 से 1000 km क्षेत्र में फैला होता है और इसकी ऊंचाई 12से 15 km हो सकती है।

चक्रवात कैसे बनते हैं

चक्रवात बनने के लिए कुछ जरूरी  स्थितियों का होना जरूरी है


1)
 लगातार तथा
  उचित मात्रा में ऊष्मा का होना, तापमान लगभग 26 डिग्री या इससे अधिक होना।
2) आर्द्र वायु का उपलब्ध होना जिससे बड़ी मात्रा में गुप्त उष्मा निकलती हो।
3) केंद्र में एक स्ट्रोग बल का होना,जो इसके निम्न वायुदाब को भरने ना दे  इस बल को कोरियोलिस बल के नाम से जाना जाता है। जो चक्रवात के केंद्र पर लगता है।
 4) कोरियोलिस बल के ज्यादा होने की वजह से ही चक्रवात का निर्माण संभव है।


Chakravarti, Chakravarti kya hota hai, Chakravarti kese kahte hai, cyclone in hindi, Chakravarti ke type, cyclone in india, cyclone tauktae,

चक्रवात के प्रभाव

अब आप जान चुके है कि चक्रवात कैसे बनता है। 
आइए अब जानते हैं कि चक्रवात से तबाही कितनी होती है। उष्ण कटिबन्धीय चक्रवात का आकार छोटा होता है। एवं दबाव के ज्यादा तीव्र होने के कारण इसमें हवाएं बहुत तीव्र गति से चलती हैं। इसलिए इससे जान माल की बहुत हानि होती हैं। इन चक्रवातो से भारी वर्षा होती हैं। जिस कारण चक्रवात प्रभावी क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो जाती हैं। लाखों की संख्या में लोग मर जाते है, पेड़, बिजली के खंभे आदि उखड़ जाते है और घरो, बड़ी बड़ी इमारतों को भी काफ़ी हानि होती हैं




इन चक्रवातों की वजह से समुन्द्र में ऊंची- ऊंची लहरें उठने लगती हैं। एवं मछुआरों तथा नाविकों की जान को भी खतरा रहता हैं। बहुत से मछुआरे अपनी जान गवा बैठते हैं।इस तरह के चक्रवात ज्यादातर उड़ीसा तथा आंध्रपरदेश में भयंकर विनाश का कारण बनते हैं।


चक्रवात के प्रभाव को कम करने के उपाय

वैसे तो चक्रवात को रोकना नामुमकिन है पर कुछ जानकारी से इससे होने वाली तबही को कम किया जा सकता है।



1) चक्रवात के सम्बन्ध में आगामी सूचना का प्रबन्ध
होना   आज के समय हम इतने आधुनिक हो गए हैं कि 
चक्रवात के सम्बन्ध में पहले से ही सूचना जारी कर दी जाती हैं।
जिससे समय रहते ही कार्यवाहीं की जा सके, ओर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा सके।
2) उपग्रहों से प्राप्त जानकारी तथा कम्प्यूटर द्वारा बनाएं गए मॉडलों की सहायता से, चक्रवातों की तीव्रता, दिशा तथा इनके पथ के सम्बन्ध में सही जानकरी दी जाती हैं।
3) हमें तटीय क्षेत्रों में अधिक से अधिक वृक्षारोण करना चाहिए जिससे चक्रवातों के प्रभाव को कम किया जा सकता हैं।
4) भवनों का मजबती से निर्माण  तथा जलाश्यो आदि का निर्माण करना चाहिए।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें